(05 सितम्बर)

मेघवाल शिक्षादान अभियान के तहत उद्बोधन देकर युवा पीढ़ी में जगा रहे राष्ट्रभक्ति का जज्बा
-मेघवाल के शिक्षा क्षेत्र में दिए जा रहे अविस्मरणीय योगदान की सर्वत्र हो रही प्रशंसा

-पुखराज परिहार-
सिरोही।”भारत रत्न” नेताजी सुभाषचन्द्र बोस राष्ट्रीय सेवा समिति(नेताजी फाउण्ड़ेशन)के संस्थापक अध्यक्ष लुंबाराम मेघवाल ने शिक्षक नहीं होने के बावजूद भी नेताजी फाउण्ड़ेशन के माध्यम से शिक्षा जगत में अनुकरणीय व अविस्मरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए शिक्षा दान अभियान के तहत राजस्थान के विभिन्न जिलों के सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों व महाविद्यालयों में अध्ययनरत प्रतिवर्ष 01 लाख 65 हजार छात्र-छात्राओं को क्रांतिकारी उद्बोधन देकर देश भक्ति का जज्बा पैदा कर रहे हैं।


राष्ट्रभक्ति का जुनून भी ऐसा कि अपने सरकारी वेतन मेंसे प्रतिमाह 22 प्रतिशत राशि राष्ट्र सेवा में समर्पित कर मिसाल कायम कर चुके नेताजी फाउण्ड़ेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष लुम्बाराम मेघवाल ने देश के भूतपूर्व महामहिम राष्ट्रपति डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर 05 सितम्बर, शुक्रवार को मनाए गए शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों को शुभकामनाएं देते सिरोही हैडलाइन के समक्ष खुलासा करते हुए बताया कि मेरे द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत को फाउण्ड़ेशन कार्यालय के पत्रांक 206/229 दिनांक 23 मार्च 1995 को भेजकर शहीद ए आजम भगतसिंह के शहादत दिवस पर शिक्षा क्षेत्र में रचनात्मक कार्यों हेतु राजस्थान के शिक्षा विभाग को गोद लिया गया।
मेघवाल ने बताया कि गोद अभियान के तहत सिरोही, पाली,जोधपुर व उदयपुर सहित राजस्थान के समस्त जिलों में राज्य स्तर पर महामहिम राष्ट्रपति भारत-सरकार के सचिवालय के आदेश क्रमांक 1232 पी.11(3)/95 दिनांक 08 मार्च 1995 एवं राजस्थान सरकार के शिक्षा सचिवालय के पत्रांक विशेषाधिकारी (शिक्षा ग्रुप-1 विभाग आदेश क्रमांक प 11(8)-1/95) जयपुर दिनांक 29 मई 1995 के अनुसार निःशुल्क शिक्षा दान अभियान के तहत प्रतिवर्ष 01 लाख 65 हजार देश की भावी युवा पीढ़ी में राष्ट्र भक्ति का जज्बा जगाने को राष्ट्रीय एकता,पर्यावरण, व्यापक साक्षरता अभियान,नारी चेतना,जल व बिजली की बचत,सामाजिक कुरीतियां जैसे दहेज,बाल विवाह,नशा मुक्ति के साथ-साथ चित्रकला व आर्ट के माध्यम से छात्रों व छात्राओं को स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बनने का पाठ पढ़ाकर लाभान्वित किया जा रहा हैं।

मेघवाल के कार्यप्रणाली की इन्होंने की मुक्त कंठ से प्रशंसा-
मेघवाल द्वारा बिजली विभाग के सरकारी सेवा में रहते हुए पिछले 30 वर्षों से 08 घंटे की ड्युटी करने बाद में 08 घंटे स्वयं के खर्चे पर शिक्षादान अभियान में देकर उम्दा कार्य का निर्वहन करने पर शिक्षा जगत की अनेक हस्तियों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की हैं।
शिक्षा विभाग की हस्तियों में जिला शिक्षा अधिकारी पद को सुशोभित कर उप निदेशक पद से सेवानिवृत हुए दिनेश्वर पुरोहित(अब इस दुनिया में नहीं हैं) ने सिरोही जिले के मनोरा विद्यालय में प्रधानाचार्य रहते हुए नेताजी फाउण्ड़ेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष लुम्बाराम मेघवाल द्वारा दिये गये सारगर्भित व क्रांतिकारी उद्बोधन से प्रभावित होकर टिप्पणी स्वरूप 21 मार्च 95 को मेघवाल को भेजे पत्र में सराहना करते हुए लिखा हैं कि आपने रोचक व चिंतनशील विचार शिक्षण के माध्यम से प्रस्तुत कर छात्रों के मन मस्तिष्क के तंतुओं को झकझोरने के साथ ही शिक्षा जगत में कार्यरत शिक्षक समाज के सम्मुख एक चुनौती प्रस्तुत कर यह सोचने को बाध्य किया हैं कि शिक्षा व अध्यापन में क्या अन्तर हैं एवं एक व्यक्ति,समाज व राष्ट्र का चहुंमुखी व चारित्रिक निर्माण कैसे किया जा सकता हैं।
आगे उन्होंने लिखा कि श्री मेघवाल अवर्णनीय प्रतिभा के धनी हैं,इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं हैं।मैं आपके शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे योगदान व उम्दा कार्यप्रणाली की मुक्त कंठ से प्रशंसा करता हूं।
ऐसे ही सिरोही बिजली विभाग के अधिशाषी अभियन्ता आर.के.शाह ने भी अपने विभाग के प्रभारी लुम्बाराम मेघवाल द्वारा बिजली बचत व बिजली चोरी रोकने के संदर्भ में विद्यालय में छात्रों के सम्मुख दिए गए उद्बोधन की प्रशंसा करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की थी।इसी तरह अनेक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व प्रधानाचार्यों द्वारा भी मेघवाल के उद्बोधन पर प्रशंसनीय टिप्पणी की हैं।




