
नेताजी फाउण्ड़ेशन विद्यालयों में कैंसर के विरुद्ध जागरुकता ही सुरक्षा हैं का पाठ पढ़ायेगा
-फाउण्ड़ेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष लुंबाराम मेघवाल ने राष्ट्रीय कैंसर जागरुकता दिवस पर उक्त निर्णय लिया
-पुखराज परिहार-
सिरोही। “भारत रत्न” सुभाषचन्द्र बोस सेवा समिति अर्थात नेताजी फाउण्ड़ेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष लुम्बाराम मेघवाल ने शुक्रवार को राष्ट्रीय कैंसर जागरुकता दिवस पर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि अब वे कैंसर के विरूद्ध युद्ध अभियान चलाकर जागरूकता ही सुरक्षा है का पाठ विद्यालयों में पढायेंगे।

नेताजी फाउण्ड़ेशन मुख्यालय सिरोही के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कार्यक्रम प्रभारी अधिकारी लुम्बाराम मेेघवाल ने कहा कि आज राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के इस पुनित अवसर पर सभी सरकारी,गैर सरकारी विद्यालयों व महाविद्यालयों मेें कैंसर के विरूद्ध एक मुहिम छेडने का निर्णय लिया गया हैं।
मेघवाल ने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा शिक्षा के क्षैत्र में निःशुल्क शिक्षादान अभियान के राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अन्तर्गत कैंसर जैसी भयानक बिमारी को युवाओं के संग साझा करेंगे।आपने कहा कि यह युग विज्ञान व प्रगति का है और इसके साथ ही एक गम्भीर सच्चाई यह है कि मनुष्य अनेक बिमारियों के जाल में लगातार उलझता जा रहा है।जिसमें सबसे अधिक भयावह बिमारी है कैंसर हैं। यह बच्चे से लेकर बुजुर्गो तक गांवो से लेकर शहरों तक सभी को प्रभावित कर सकता है।भारत में हर वर्ष लाखों लोग कैंसर से पीडित होेते हैं और उसमें से अनेक की जान इसलिए चली जाती है कि बिमारी का पता देर से लगता है।यानि कैंसर कोई अचानक होने वाली बिमारी नहीं है,अपितु यह धीरे-धीरे जीवनशैली जिसमें भोजन,तनाव और अस्वस्थ आदतों का परिणाम है।जैसा कि तम्बाकू,शराब,प्रदुषण, प्लास्टिक उपयोग व असन्तुलित आहार और शारीरिक निष्क्रियता है। अतः यह आवश्यक है कि इस बीमारी के प्रति देश की भावी युवा पीढ़ी तथा समाज में जागरूकता का वातावरण बनाया जाना आवश्यक हैं इसी बिन्दु को ध्यान में रखते हुए यह विवेकपूर्ण ऐतिहासिक पहल की है। चूंकि कैंसर से हमें डरना नहीं हैं व समय पर जीवनशैली में परिवर्तन जैसे तम्बाकू और नशे से दूरी पौस्टिक भोजन,नियमित व्यायाम, सकारात्मक सोच व समय पर जांच तो इसे रोका जा सकता है।

नेताजी फाउण्ड़ेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कार्यक्रम प्रभारी अधिकारी लुम्बाराम मेघवाल ने कहा कि सरकार और समाज को मिलकर इस दिशा में कदम उठाने चाहिए। कैंसर से जुडी मूलभूत जानकारियों को विद्यालय के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए ताकि युवा वर्ग को सावचेत किया जा सके।विद्यालय स्तर पर कैंसर जागरूकता विषय को स्वास्थ्य शिक्षा के अन्तर्गत शामिल किया जाना चाहिए।
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कैंसर के विरूद्ध यह युग केवल डॉक्टरों का या अस्पतालों का ही नहीं है अपितु प्रत्येक नागरिक को भागीदारी से जुड़कर इसे भारत से नष्ट करना होगा।हमें अपने आस-पास के लोगों को जाँच के लिए प्रेरित करना चाहिए,इसके लिए मिथको को तोड़ना होगा और संदेश फैलाना होगा कि जागरूकता ही सुरक्षा है।आज आवश्यकता यह है कि हम सभी मिलकर के कैंसर के विरूद्ध इस मौन युद्ध को आवाज दे हर घर तक जानकारी पहुँचायी जाये और यह सुनिश्चित करे कि किसी की जान अज्ञानता के कारण न जाये और इसीलिए मेरे द्वारा यह सघन अभियान भारत के सभी सरकारी/गैर सरकारी विद्यालयों में चलाने की मुहिम छेडी गई है।आशा है कि सरकारे इस अभियान में सहभागी बनेगी।




